अपन चत दखत रजपत क ओरत क फट
(क) जीवन में बहुत आपदाएँ हैं। अत: जब भी हँसी के क्षण मिल जाएँ तो उन क्षणों में हँस लेना चाहिए। कवि इसलिए कहता है जब अवसर मिले हँस लेना. Dec 21, 2022 · (क) दुख की चादर फट जाती है। (ख) कपटी व्यक्ति टिक नहीं पाता। (ग) सात्विक भावों का उदय हो जाता है। Class xii hindi www. vedantu. com 5 उत्त : ( क ) इस पद ेंकप्रव प्रवद् ापतत ता हे हैंकक, िात का का प्रित प्रवदेश चला ग ा है तिा वह घ ेंअकेली है। अपिे पतत से प्रवह, उसे इतिा प ेशाि क ता.
शत्रुक नाश केनिहार सैनिक उत्पन्न होथि.